आगमन विधि क्या होती है, आगमन विधि के जनक Aagman vidhi kya hoti hai

आगमन विधि क्या होती है Aagman vidhi kya hoti hai 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख आगमन विधि के जनक (Father of inductive method) आगमन विधि क्या है, आगमन विधि के जनक Aagman vidhi kya hoti hai में।

दोस्तों आज हम आपको एक प्रमुख शिक्षण विधि आगमन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे

कि आगमन विधि क्या है? आगमन विधि के गुण कौन से हैं? आगमन विधि के दोष कौन से हैं? आगमन विधि के जनक तो आइए दोस्तों जानते हैं, आगमन विधि किसे कहते हैं इसके जनक:-
आगमन विधि के जनक

आगमन विधि क्या है what is inductive method 

आगमन विधि Inductive Method शिक्षण की एक सबसे प्रभावशाली मनोवैज्ञानिक विधि मानी जाती है, जिसमें सबसे पहले उदाहरण दिए जाते हैं और उदाहरण के आधार पर नियमों की खोज की जाती है,

अर्थात नियमों Rules तक पहुँचा जाता है। साधारण भाषा में कह सकते हैं, कि आगमन विधि वह विधि होती है, जिसमें छात्रों Student को सबसे पहले उदाहरण Example देते हैं

और छात्र उदाहरण के माध्यम से सामान्य नियम की खोज करते हैं, उस विधि कोई आगमन विधि Inductive Method कहा जाता है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों का कहना है,

कि जब हम छात्र-छात्राओं के सामने कई प्रकार के उदाहरण कई तथ्य या वस्तुएँ रखते है, तो छात्र उन वस्तुओं को देख कर उनको जांच पड़ताल कर कुछ निष्कर्ष निकालने का प्रयत्न करते हैं,

जिसको आगमन प्रणाली कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर मानो हमने छात्र को एक उदाहरण दिया चौराहा जिसको छात्र समझते है, विश्लेषण करते है,

और इसका नियम निकालने की कोशिश करते है, कि चौराहा चार रास्तों के का समूह को कहते है, अर्थात इसमें पहला पद संख्यावाची

और दूसरा विशेष होता है, इसलिए कह सकते हैं, कि उदाहरण से नियमों की ओर जाना ही आगमन विधि Inductive Method के अंतर्गत आता है।

आगमन विधि किसे कहते है

आगमन विधि के जनक Father of Inductive Method 

आगमन विधि शिक्षण की एक प्राचीनतम विधि है, जो वर्तमान में सबसे अधिक उपयोग में लायी जाती है। कियोकि इसका उपयोग

उच्च कक्षाओं Higher Class के शिक्षण में किया जाता है। आगमन विधि के प्रतिपादक (Father) अरस्तु है, जो यूनान के एक महान दार्शनिक सिकंदर तथा प्लूटो के गुरु थे। 

आगमन विधि के सूत्र Formula of Inductive Method 

आगमन विधि के निमृत तीन सूत्र दिए गए हैं

  1. ज्ञात से अज्ञात की ओर - आगमन विधि का पहला सूत्र ज्ञात से अज्ञात की ओर होता है इसमें हम छात्र छात्राओं को विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ उदाहरण के उदाहरण देते है, जिसका विश्लेषण करके छात्र-छात्राएँ उसके निष्कर्ष अर्थात नियम तक पहुँचते हैं जो पहले अज्ञात होता है।
  2. विशिष्ट से सामान्य की ओर - आगमन विधि विशिष्ट से सामान्य की ओर क्रियाविधि पर कार्य करती है। जिसमें पहले विशिष्ट उदाहरण देकर सामान्य नियम खोजे जाते है। 
  3. स्थूल से सूक्ष्म की ओर - यह विधि स्थूल से सूक्ष्म की ओर क्रिया विधि पर कार्य करती है। जिसमें उदाहरण के द्वारा नियम ओर सिद्धांत बना देते है।
  4. उदाहरण से नियम की ओर - इसमें उदाहरण के आधार पर नियमों की उत्पत्ति की जाती है।

आगमन विधि के सोपान Sopan of Inductive 

आगमन विधि के निम्नलिखित चार सोपान दिए गए हैं:- 

  1. उदाहरणों का प्रस्तुतीकरण - आगमन विधि का यह पहला सोपान होता है, जिसमें छात्र तथा छात्राओं के सम्मुख अनेक उदाहरण प्रस्तुत किये जाते हैं।
  2. निरीक्षण कार्य - आगमन विधि का यह दूसरा सोपान है, जिसमें छात्र- छात्राओं के सामने जो उदाहरण प्रस्तुत हो गए हैं उन उदाहरणों का विश्लेषण करना पड़ता है। शिक्षक बालकों से विश्लेषणात्मक प्रश्न पूछता है, तथा उन्हें एक सामान्य तत्व की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य करता है।
  3. सामान्यीकारण - सामान्यीकारण आगमन विधि का तीसरा सोपान माना जाता है, जिसमें छात्र और छात्राएँ प्रस्तुत उदाहरणों का विश्लेषण करने के बाद सामान्य नियम निकालने की कोशिश करते हैं।
  4. सत्यापन - सत्यापन आगमन विधि का अंतिम और चौथा सोपान होता है, जिसके अंतर्गत छात्र- छात्राओं द्वारा जो भी उदाहरणों के द्वारा सामान्य नियम निकाले जाते हैं उनका सत्यापन विभिन्न प्रकार के उदाहरणों के द्वारा किया जाता है।

आगमन विधि के गुण Properties of Inductive method

  1. आगमन विधि शिक्षण की एक मनोवैज्ञानिक विधि होती है, जिसके द्वारा छात्र तथा छात्राओं में वैज्ञानिक रूचि अर्थात खोज की प्रेरणा उत्पन्न होने लगती है, तथा वे जीवन में नए-नए तत्वों की खोज के लिए प्रेरित होते हैं।
  2. इस विधि का सबसे बड़ा गुण होता है, स्थायी ज्ञान इस विधि में छात्र-छात्राएँ स्वयं परिश्रम करके उदाहरणों के आधार पर नवीन नियमों की खोज करने की कोशिश करते हैं, जो उनके लिए स्थाई ज्ञान होता है।
  3. आगमन विधि के द्वारा छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के ज्ञात उदाहरणों के फलस्वरूप उन्हें अज्ञात नियमों की खोज करवाई जाती है, जिससे छात्र- छात्राओं में आत्मविश्वास, रुचि, चिंतन तथा रचनात्मक कार्य करने के गुण उत्पन्न होने लगते हैं।
  4. इस विधि के द्वारा छात्र ज्ञात से अज्ञात की ओर जाते हैं, तत्वों का विश्लेषण करते हैं और स्वयं नियम निकालने की कोशिश करते हैं, जिससे उनके मस्तिष्क का विकास होता है, शिक्षण प्रभावशाली बनता है।
  5. इस विधि के द्वारा शिक्षण देने से अनुसंधान कार्य के लिए प्रोत्साहन भी मिलता है।
  6. छात्र-छात्राओं को प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्ति होने पर इस विधि के द्वारा वह आत्मनिर्भर बन जाता है।
  7. आगमन विधि के द्वारा हिंदी, विज्ञान, इतिहास, गणित के साथ अन्य विषयों का भी प्रभावशाली शिक्षण हो जाता है।

आगमन विधि के दोष Defects of Inductive method

  1. आगमन विधि एक जटिल शिक्षण विधि होती है, जिसके कारण ज्ञानार्जन बहुत ही धीमी गति से होता है तथा अधिक शक्ति और समय भी नष्ट हो जाता है।
  2. इस विधि का मुख्य रूप से लाभ प्रतिभाशाली बालकों को होता है, प्रतिभाशाली बालक अपने बुद्धि के द्वारा नियमों का ज्ञान प्राप्त करते हैं तथा साधारण इन्हें आंख मीच कर ही आत्मसात कर लेते हैं।
  3. यह विधि छोटी कक्षाओं के शिक्षण के लिए नहीं होती हैं, क्योंकि छोटी कक्षा के बालकों में बुद्धि का विकास उनमें सोचने की क्षमता, चिंतन आदि की क्षमता कम होती है। 
  4. आगमन विधि में समय सबसे अधिक लगता है, जिस कारण समय सीमा के अंतर्गत पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाता है।
  5. आगमन विधि में अध्यापक निष्क्रिय हो जाता है, तथा छात्र सक्रिय रहकर नियमों की खोज करते हैं और ज्ञान का अर्जन करते हैं।
  6. आगमन विधि सभी विषयों के शिक्षण के लिए प्रभावशाली सिद्ध नहीं हो सकती। 

दोस्तों आपने इस लेख में आगमन विधि किसे कहते है (what is inductive method) आगमन विधि क्या होती है? आगमन विधि के जनक, आगमन विधि क्या है? इसके बारे में पड़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। 

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  2. योजना विधि क्या है इसके गुण और दोष Yojna vidhi kya hai eske gun dosh
  3. व्याख्यान विधि क्या है इसके जनक गुण दोष Lecture Methods
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