कोर पाठयक्रम क्या है इसकी विशेषताएँ What is Core curriculum

कोर पाठयक्रम क्या है इसकी विशेषताएँ What is Core curriculum 

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दोस्तों यह लेख बीएड छात्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, इसलिए आप इसको पूरा पढ़िए। तो आइये शुरू करते है, यह लेख कोर पाठयक्रम क्या है इसकी विशेषताएँ :- 

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कोर पाठयक्रम क्या है


कोर पाठ्यक्रम किसे कहते हैं What is Core curriculum 

बहुमुखी पाठ्यक्रम, जिसमें विभिन्न प्रकार के विषयों को एक साथ लिया गया है कोर पाठयक्रम कहलाता है। कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत कुछ ऐसे विषय होते हैं, जिनको अनिवार्य विषय के रूप में जाना जाता है, 

जबकि कुछ ऐसे भी विषय इस पाठ्यक्रम में दिए जाते हैं, जिनको ऑप्शनल अर्थात बालक अपनी क्षमता योग्यता समर्थ रुचि के अनुसार चुन सकता है। साधारण शब्दों में कहा जा सकता है, कि कोर पाठ्यक्रम इस प्रकार से निर्मित किया गया पाठ्यक्रम होता है, 

जिसमें कुछ विषय अनिवार्य Compulsory Subject होते हैं और उन विषयों को बालक तथा बालिकाओं को अवश्य पढ़ाना होता है, किंतु कुछ ऐसे भी विषय इसमें होते हैं, जिनको आप अपनी योग्यता क्षमता और रुचि के अनुसार चुन सकते हैं। 

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कोर पाठ्यक्रम की परिभाषा Definition of Core Curriculum 

  1. बहुमुखी पाठ्यक्रम जिसमें अनिवार्य विषयों के साथ वैकल्पिक विषयों का भी समावेश किया गया है।
  2. पाठ्यक्रम जिसके अंतर्गत अनिवार्य विषय तथा वैकल्पिक विषय का समायोजन एक साथ देखने को मिलता है। 
  3. छात्रों की रुचि अभिव्यक्ति क्षमता आदि को देखते हुए इस प्रकार का पाठ्यक्रम जिसमें अनिवार्य विषयों के साथ कुछ वैकल्पिक विषय भी होते हैं।

कोर पाठ्यक्रम के उद्देश्य Aims of Core Curriculum 

  1. कोर पाठ्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य होता है, कि इस पाठ्यक्रम का डिजाइन इस प्रकार से किया गया, जिससे व्यक्ति का विकास तो हो ही साथ ही समाज का भी विकास संपन्न हो सके।
  2. कोर पाठ्यक्रम का लक्ष्य होता है, कि बालक को देश का एक अच्छा नागरिक बनाया जाए एक जिम्मेदार नागरिक बनाकर उसको देश के मूल्यों के प्रति जागरूक किया जाए ताकि वह देश के विकास में अपना योगदान दे सके। 
  3. कोर पाठ्यक्रम का उद्देश्य होता है, कि बालकों को वास्तविक समस्याओं को सुलझाने का अनुभव दिया जाए और बालकों को अपनी भावी समस्याओं का सामना करने के योग्य बनाया जाए।

कोर पाठ्यक्रम के अनिवार्य विषय Compulsory Subject of Core Curriculum 

कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत दो प्रकार के विषय होते हैं, जिनमें अनिवार्य विषय सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनमें सबसे पहले 1. स्वास्थ्य शिक्षा और शारीरिक प्रशिक्षण इसके बाद 2. कला संगीत और प्रयोगात्मक कार्य इसके पश्चात 3. विज्ञान फिर 4. मानवीय एवं सामाजिक विषय इसके पश्चात 5. गणित और 6. भाषा को स्थान दिया गया है। अनिवार्य विश्व के पश्चात यहाँ पर वैकल्पिक विषयों की भी उपलब्धता होती है, जिनको छात्र अपनी क्षमता योग्यता तथा रुचि के अनुसार चुन सकता है।

कोर पाठ्यक्रम की विशेषताएँ Features of Core Curriculum 

  1. कोर पाठ्यक्रम एक ऐसा पाठ्यक्रम होता है, जिसमें ज्ञान को अनेक विषयों के द्वारा प्रदान करने की व्यवस्था होती है।
  2. इस पाठ्यक्रम के द्वारा अनेक विषय कोर कार्यक्रम के अंतर्गत एक साथ पढ़ाने की व्यवस्था होती है।
  3. सीखने के सभी प्रकार के अनुभवों पर बल देने के लिए कोर पाठ्यक्रम सबसे उपयोगी लाभकारी और समाज के लिए हितकारी होता है।
  4. कोर पाठ्यक्रम एक प्रकार से बाल केंद्रित पाठ्यक्रम होता है, क्योंकि इसका निर्माण बालकों की व्यक्तिगत योग्यताओं क्षमताओं और उनकी रुचियों को ध्यान में रखकर ही किया गया है।
  5. कोर पाठ्यक्रम की विशेषता यह होती है, कि इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत जो भी विषय रखे गए हैं, उनके शिक्षण के लिए कोई भी निश्चित समय नहीं होता है।
  6. इस पाठ्यक्रम में बालकों को विभिन्न क्रियाओ के द्वारा वर्तमान और भावी समस्याओं का समाधान किस प्रकार से करना है का प्रशिक्षण दिया जाता है।
  7. कोर पाठ्यक्रम में शिक्षकों को शिक्षण विधियों के चयन में स्वतंत्रता दी जाती है, ताकि वह इस प्रकार की शिक्षण विधियों का उपयोग कर सकें, जिसे बालक तथा बालिकाओं को सिखाने में मदद मिले।
  8. यह पाठ्यक्रम ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में सहसंबंध स्थापित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।

कोर पाठ्यक्रम की सीमाएँ Limitation of core curriculum 

  1. कोर पाठ्यक्रम का सबसे बड़ा दोष होता है, कि इस पाठ्यक्रम में जो पाठय सामग्री होती है वह अपर्याप्त होती है और पाठय विषय का चयन समस्याओं के आधार पर ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है।
  2. इस पाठ्यक्रम का यह भी दोष होता है, कि जो भी छात्र-छात्राएँ होते हैं, उनके सभी महत्वपूर्ण अनुभवों को ठीक प्रकार से स्थान नहीं दे पाते हैं।
  3. इस पाठ्यक्रम द्वारा जो भी ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उस ज्ञान में किसी भी प्रकार की क्रमबद्धता देखने को नहीं मिलती है।
  4. कोर पाठ्यक्रम के द्वारा शिक्षा में समय निश्चित नहीं होता है, जो इसका सबसे बड़ा दोष होता है।
  5. कोर पाठ्यक्रम के द्वारा जो भी छात्र-छात्राएँ शिक्षित की जाती है वह महाविद्यालय में जो प्रवेश के नियम होते हैं उनको पूरा नहीं कर पाते हैं।

कोर पाठ्यक्रम का शिक्षा में स्थान Place in Education of Core Curriculum 

अगर हम बात करते हैं कोर पाठ्यक्रम के शिक्षा में स्थान की तो सैद्धांतिक रूप से कोर पाठ्यक्रम शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, किंतु व्यवहारिक रूप से इसको लागू करना बड़ा कठिन मालूम होता है, जबकि इसके सैद्धांतिक रूप को देखते हुए कोर पाठ्यक्रम का शिक्षा में महत्वपूर्ण स्थान है, फिर भी इसके संगठन और इसे लागू करने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए, कि विद्यालय में कोर पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक उपकरण सामग्री और पूरी तरीके से प्रशिक्षित और निष्ठावान शिक्षक हैं या नहीं। 

दोस्तों यहाँ पर आपने कोर पाठयक्रम क्या है (What is core curriculum) core curriculum in hindi, core pathyakram kya hai, इसकी विशेषताएँ के साथ अन्य तथ्य पढ़े, आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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