योजना विधि क्या है yojana vidhi kya hai
हैलो दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख योजना विधि क्या है, जनक गुण दोष (yojana vidhi kya hai) में। दोस्तों यहाँ पर आप योजना विधि क्या है? योजना विधि के जन्मदाता,
योजना विधि के गुण दोष के बारे में जान पायेंगे तो दोस्तों आईये शुरू करते है, यह लेख योजना विधि क्या है, जनक गुण दोष:-
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योजना विधि क्या है What is Project Method
शिक्षण प्रक्रिया में यह एक ऐसी विधि होती है, जिसमें जो बालक की समस्याएँ होती हैं बालक उन समस्याओं को स्वयं ही योजना अर्थात किसी प्रोजेक्ट के माध्यम से सुलझा पाता है, समाधान कर पाता है, इस विधि में छात्रों की जीवन की जो वास्तविक समस्याएँ हैं, उन समस्याओं को ही सामने रखा जाता है,
इसके पश्चात छात्र उन समस्याओं का अनुभव करते हैं और उन समस्याओं को सुलझाने के लिए योजना तैयार करते हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के डाटा एकत्रित किए जाते हैं, इस प्रक्रिया में शिक्षक सहयोगी की भूमिका निभाता है।
योजना विधि की परिभाषा Definition of Project Method
योजना विधि की परिभाषा विभिन्न शिक्षाविदों ने इस प्रकार से दी है:-
- किलपैट्रिक महोदय ने कहा है, कि प्रोजेक्ट एक सोद्देश्य है, जिसको पूर्ण सलंग्नता के साथ वातावरण में किया जा सकता है। A project is a unit of all hearted purposeful activity carried on preferbly in its natural setting
- प्रोफेसर स्टीवेंसन के अनुसार बताया गया है, कि प्रोजेक्ट एक समस्यामूलक कार्य होता है, जो स्वभाविक स्थिति में पूरा किया जा सकता है। A project is problematic act carried to completion in its most natural setting
- बैलार्ड महोदय ने कहा है, कि प्रोजेक्ट यथार्थ जीवन का ही एक भाग होता है, जो विद्यालय में प्रदान किया जाता है। A project is a bit of real life that has been imparted into School
प्रोजेक्ट विधि के जन्मदाता कौन है Father of Project Methods
योजना विधि के जन्मदाता :- योजना विधि शिक्षण के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधी है और इसके जनक तथा आविष्कारक विलियम क्लिपैट्रिक महोदय हैं। डीवी ने कहा है, कि व्यक्ति और समाज का बिल्कुल ही एक घनिष्ठ संबंध होता है और यह बात सत्य है, कि व्यक्ति अपने आप को समाज के अनुकूल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास करता है
और उसमें सफलता भी प्राप्त कर लेता है, किंतु बालक में अपने आप को समाज के अनुकूल बनाने की क्षमता नहीं होती उसको यह क्षमता शिक्षा के माध्यम से ही प्राप्त होती है, इसीलिए इसी विचारधारा के आधार पर प्रोजेक्ट विधि का आविष्कार किया गया, ताकि छात्र-छात्राओं की जो वास्तविक जीवन की समस्याएँ हैं, वह उन समस्याओं को प्रोजेक्ट विधि योजना विधि के आधार पर सुलझा पाएँ उनका समाधान कर पाए।
योजना विधि के सिद्धांत Principle of Project Method
- प्रयोजनता :- छात्र तथा छात्राओं के सामने जो भी समस्यामूलक कार्य रखा जाता है, उनको दिया जाता है उसका कोई ना कोई प्रयोजन जरूर होना चाहिए।
- क्रियाशीलता :- इसके अनुसार जो भी छात्र-छात्राएँ सीखती हैं वह स्वयं करके सीखती हैं।
- रोचकता :- रोचकता का अर्थ उस बात से है, कि जब छात्र किसी समस्या का हल ढूंढते हैं, तो उसमें वह पूरी रुचि रखते हैं।
- यथार्थता :- योजना विधि के अंतर्गत जो भी कार्य समस्याएँ छात्र-छात्राओं को प्रदान की जाती हैं, वह वास्तविक होती हैं या यथार्थ होती हैं।
- सामाजिकता :- सामाजिकता का अर्थ उस तथ्य से होता है, जो छात्र-छात्राओं में सामाजिकता का विकास करें इसीलिए शिक्षा का उद्देश्य छात्र में सामाजिक कुशलता का विकसित करना होता है, जिसके लिए योजना विधि के द्वारा विभिन्न क्रियाएँ दी जाती हैं।
- स्वतंत्रता :- इस विधि में छात्रों को प्रत्येक प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान की जाती है, समस्या सुलझाने के लिए और विभिन्न प्रकार के आंकड़े एकत्रित करने के लिए उन्हें पूरी स्वतंत्रता होती है।
- उपयोगिता :- तत्कालीन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रोजेक्ट छात्रों के लिए विशेष रुचिकर होते हैं, इसलिए कह सकते हैं, कि योजना छात्रों के लिए उपयोगी हैं जैसे कि पढ़कर बीमारियों के कारण तथा यंत्र के आविष्कारों के बारे में जानना, निरीक्षण में किन स्थानों पर कौन से कीड़े तथा किन-किन स्थानों पर कौन से पौधे होते हैं वर्षा होने पर कौन से पेड़ उत्पन्न होते हैं, निर्माण संबंधी योजना में एक्वेरियम क्या है? म्यूजियम क्या है? बायबेरियम क्या है? पहचान संबंधी योजना में उपयोगी और महत्वपूर्ण पौधों का ज्ञान संग्रह संबंधी योजना के अंतर्गत तितलियाँ चिड़ियों के जीवन वैज्ञानिक चित्रों वैज्ञानिक यंत्रों आदि का संग्रह करना।
योजना विधि के गुण Merits of Project Methods
- प्रजातांत्रिक भावनाओं का विकास:- इस विधि के द्वारा जनतांत्रिक भावनाओं का विकास होता है, क्योंकि छात्र-छात्राएं अपने ढंग से काम करने के लिए स्वतंत्र होते हैं, वह अपने आप ही योजना बना लेते हैं कार्यक्रम निर्धारित करते हैं और उस पर कार्य भी करते हैं लेकिन उनको दूसरों का सहयोग भी मिलता है जिससे वह कार्य को पूरा कर पाते हैं।
- हस्त कार्य के प्रति प्रेम:- योजना विधि में छात्र तथा छात्राओं को हाथ से कार्य करने के लिए अधिक अवसर प्राप्त होते हैं।
- अन्वेषण की शक्ति का विकास :- इस विधि के अंतर्गत छात्र-छात्राएँ किसी योजना पर विचार करते हैं और चिंतन करते हैं, जिससे उनकी मानसिक शक्ति का विकास होता है।
- सहसंबंधित :- योजना विधि में विषयों को सह संबंध करके पढ़ाया जाता है, योजना को केंद्र मानकर इस आधार पर अन्य विषयों की भी शिक्षा प्रदान की जाती है।
- स्वतंत्रता :- इस विधि में छात्र को अपना कार्य करने की पूरी पूरी स्वतंत्रता होती है, वह अपनी क्षमता योग्यता तथा ढंग के अनुसार कार्य कर सकते हैं।
- मनोवैज्ञानिक और जीवन से संबंधित :- यह एक मनोवैज्ञानिक विधि है, जिसमें तत्परता अभ्यास और प्रभाव का नियम तीनों ही शामिल हैं, जबकि यह वास्तविक जीवन से संबंधित विधि होती है।
योजना विधि के दोष Demerits of Project Methods
- योजना विधि एक ऐसी विधि है, जिसकी पाठयवस्तु क्रमबद्ध नहीं होती है जो कुछ भी ज्ञान छात्र-छात्राएं करते हैं वह श्रृंखलाबद्ध नहीं होता है थोड़े-थोड़े मात्रा में कई विषयों का अध्ययन इसमें कराया जाता है, जिससे छात्र लगभग किसी भी विषय का ज्ञान ठीक प्रकार से प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
- योजना विधि के कार्यक्रम के चुनाव में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयाँ महसूस की जाती हैं और जो परंपरागत विद्यालय होते हैं उनके लिए अधिक खर्चीली विधि है।
- योजना विधि के द्वारा जो पाठ्यक्रम निर्धारित किया जाता है, वह निश्चित समय में पूरा नहीं हो पाता है।
- योजना विधि के अंतर्गत साहित्यिक विषयों का प्रयोग नहीं हो पाता है, इसलिए अधिकांश इस योजना पर काम करना ठीक नहीं होता है।
- इस विधि में बालकों की रुचियाँ पर ध्यान दिया जाता है परंतु सामूहिक योजना में छात्रों की व्यक्तिगत रुचियों की अवहेलना हो जाती है।
दोस्तों यहाँ पर आपने योजना विधि क्या है? प्रोजेक्ट विधि के जन्मदाता कौन है? योजना विधि के जन्मदाता योजना विधि के गुण दोष, योजना विधि के सिद्धांत आदि पढ़े, आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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