विकलांगता का अर्थ और परिभाषा Meaning of Disability

विकलांगता का अर्थ और परिभाषा Meaning or definition of Disability 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत इस लेख विकलांगता का अर्थ और परिभाषा (Meaning or Definition of Disability) में। 

दोस्तों यहाँ पर आप विकलांग जनों की समस्याएँ तथा विकलांगता की विशेषताएँ भी पड़ेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख विकलांगता की परिभाषा :- 

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विकलांगता की परिभाषा


विकलांगता की परिभाषा Definition of Disability 

शारीरिक रूप Physically से या फिर मानसिक रूप Mentally से ठीक प्रकार से सक्षम न होना एक दोष होता है और बालक इस दोष के कारण ठीक प्रकार से सीखने खेलने और पर्याप्त सामाजिक 

उपलब्धि प्राप्त करने में कठिनाई का अनुभव समझते हैं, जिसको विकलांगता कहते है। शिक्षाविदों के द्वारा विकलांगता की परिभाषा निम्न प्रकार से दी गई है:- 

विकलांगता की परिभाषा Definition of Disability 

  1. श्री वीके तिवारी जी के द्वारा :- विकलांगता एक ऐसी स्थिति होती है, जो किसी भी अवस्था में सामान्य व्यवहार कार्य शक्ति और नियमित कृत्यो को न्यूनाधिक प्रभावित कर आंगिक मानसिक सामाजिक और भावनात्मक असंतुलन उत्पन्न कर देती है।
  2. क्रो क्रो महोदय :- क्रो क्रो महोदय विकलांगता की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहते हैं, कि बालक जिसका शारीरिक दोष उसे साधारण क्रियाओ में भाग लेने से रोकता है, सीमित रखता है, शारीरिक अक्षम विकलांग बालक कहा जाएगा।

यह बात सही है, कि समय-समय पर विकलांगता की स्थिति में परिवर्तन होता रहता है और ऐसे बालकों को समाज पर आश्रित या फिर दया के पात्र के रूप में ही समझा जाता है, किंतु आज ऐसी स्थिति नहीं है और आज उनकी औपचारिक व्यवस्थाएं संतोषप्रद हैं, जिससे जो विकलांगता है उसमें सुधार भी लाया जा सकता है और हमेशा के लिए उसको दूर भी किया जा सकता है। 

विकलांगता का अर्थ Meaning of Disability 

विकलांगता से अर्थ उस स्थिति से है जिसमें कोई भी व्यक्ति सामान्य व्यक्तियों के सामान सभी कार्य करने में असमर्थ होते है यह स्थिति विकलांगता कहलाती है और वे व्यक्ति विकलांग व्यक्ति होते है। ऐसे व्यक्ति समाज में किसी ना किसी पर पूर्ण या फिर आंशिक रूप से निर्भर होते है और उनकी सहायता से जीवन यापन करते है।

विकलांग (बाधित) बालकों की समस्या Problem of Disable Children 

ऐसे बालक जो शारीरिक रूप से अपंग हो या उनमें अक्षमता हो जैसे किसी को कम सुनाई देता हो या वह हर समय बीमार रहता हो या फिर वह चलने फिरने में असमर्थ हो, शरीर में कोई दिक्कत हो या फिर बोलने में उसको कठिनाई हो या उसको कम दिखाई देता हो, ऐसे बालक विकलांग बालक तो होते हैं परंतु मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं, इन बालकों की अलग-अलग समस्याएँ होती हैं, जो निम्न प्रकार से हैं:- 

  1. आत्मविश्वास की कमी:- शारीरिक रूप से विकलांग बालकों में देखा जाता है, कि आत्मविश्वास की कमी होती है, वह हमेशा अपने स्वास्थ्य के और अपने भविष्य के प्रति चिंतित ही रहते हैं, उनमें आत्मविश्वास की कमी निरंतर बनी रहती है और वह चिड़चिड़े होते जाते है। 
  2. आत्महीनता की भावना:- शारीरिक रूप से विकलांग बालक मानसिक रूप से पूरी तरीके से स्वस्थ और सक्षम होते हैं, किंतु इन बालकों में आत्महीनता की भावना जागृत हो जाती है, जिसका एक मुख्य कारण है, कि वह अपने साथी समूह में अपमानित होते हैं और वह अपमानित अपनी शारीरिक अक्षमता के कारण होते हैं। ऐसे बालक सामाजिक और सामुदायिक कार्यों में भाग ही नहीं ले पाते और सामान्य बालकों की तरह खेल भी नहीं पाते हैं।
  3. दृष्टि दोष की समस्या:- जो बालक दृष्टि बाधित होते हैं, वह हीनता की भावना से पीड़ित हो जाते हैं, क्योंकि श्यामपट्ट पर जो कार्य कराया जाता है, वह उसको देख नहीं पाते हैं और ना ही विभिन्न प्रकार के प्रयोग को देख पाते हैं, जिसके चलते उनमें गतिशीलता कम पड़ जाती है।
  4. श्रवण दोष की समस्या:- श्रवण दोष की समस्या से पीड़ित बालक कक्षा में ठीक प्रकार से सुन ही नहीं सकते और अन्य व्यक्तियों की बातों को समझने में कठिनाइयाँ ने होने लगती है, जिससे वह समाज में ठीक प्रकार से अपने आप को समायोजित नहीं कर पाते हैं। आज तो शैक्षिक प्रौद्योगिकी नवीन तकनीकी रेडियो दूरदर्शन वीडियो उनके द्वारा शिक्षा दी जाती है और उनका भी वे कुछ लाभ नहीं उठा पाते हैं।
  5. एकाकीपन की समस्या :- शारीरिक रूप से विकलांग बालक एकाकीपन का अनुभव करते हैं, क्योंकि वह शारीरिक विकलांगता के कारण अपने मित्रों से घुल मिल नहीं पाते वह अधिकतर शर्मीले अंतर्मुखी निष्क्रिय आत्मकेंद्रीय संवेगात्मक रूप से अस्थिर और कुसुमोयोजित होते हैं ऐसे बालकों की शिक्षा विकास में बाधक होती है।

विकलांगता की विशेषताएँ Charecteristics of Disability 

  1. विकलांग बालक सामान्य बालकों की अपेक्षा शारीरिक रूप से अक्षम तथा निर्भर होते हैं।
  2. विकलांग बालकों की मानसिक योग्यता और बुद्धि लब्धि सामान्य बालकों के बिल्कुल समान या फिर अधिक भी होती है।
  3. विकलांगता का दोष बालकों की शिक्षा प्राप्त करने में बाधक मानी जाती है।
  4. विकलांग बालक सामाजिक कार्यक्रम में पूरी तरीके से भाग नहीं ले पाते हैं और उनमें एकाकीपन की भावना उत्पन्न होने लगती है।
  5. जो बालक विकलांग होते हैं, उनमें शारीरिक अपंगता के कारण हीन भावना उत्पन्न हो जाती है और वह अपना व्यक्तित्व निखार नहीं पाते हैं।
  6. विकलांग बालक अपनी विकलांगता की कमी किसी न किसी दूसरे क्षेत्र में पूर्ण कर लेते हैं, जैसे कलात्मक कार्य में प्रगति वीरता संगीत में रुचि वाद विवाद और अध्ययन में बहुत आगे होना।

दोस्तों यहाँ पर आपने विकलांगता का अर्थ और परिभाषा (Meaning or Definition of Disability) के साथ उनकी समस्या और विशेषताएं पढ़ी आशा करता हुँ, आपको लेख अच्छा लगा होगा।

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