प्रतिभाशाली बालक की विशेषताएँ Characteristics of a gifted child

प्रतिभाशाली बालक की विशेषताएँ Characteristics of a gifted child

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख प्रतिभाशाली बालक की विशेषताएँ (Characteristics of a gifted child) में। दोस्तों यहाँ पर आप प्रतिभाशाली बालक क्या है? 

प्रतिभाशाली बालक की परिभाषा के साथ ही प्रतिभाशाली बालकों की पहचान, प्रतिभाशाली बालक  के प्रकार, प्रतिभाशाली बालको की शिक्षा की व्यवस्था पड़ेंगे। तो आइये शुरू करते है यह लेख प्रतिभाशाली बालक की विशेषताएँ :- 

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प्रतिभाशाली बालक की विशेषताएँ

प्रतिभाशाली बालक क्या है What is gifted child 

प्रतिभाशाली बालक वह होता है, जिनका बुद्धिलब्धि 120 आईक्यू से 140 आईक्यू के मध्य होता है, अर्थात ऐसे बालक जो अपनी बुद्धि और प्रतिभा के कारण समूह तथा समाज में एक अलग पहचान रखते हो कुछ अलग श्रेष्ठ गुण रखते हो उनको प्रतिभाशाली बालक कहा जाता है, क्योंकि उनकी श्रेष्ठ गुण के कारण ही इन बालक तथा बालिकाओं को सामान्य बालक तथा बालिकाओं से अलग चिन्हित किया जाता है। 

विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के आधार पर यह सिद्ध किया गया है, कि जिन बालकों की बुद्धि लब्धि 120 से 130 तक होती है, उनको विशिष्ट आवश्यकताओं की आवश्यकता होती है और उन्हें उच्च कक्षाओं में तथा अच्छी शिक्षा प्रदान करना समाज तथा देश का कर्तव्य होता है, ऐसे बालक प्रतिभाशाली बालक कहलाते हैं। 

प्रतिभाशाली बालक की परिभाषा Definition of gifted child 

  1. स्किनर तथा हैरिकेन के अनुसार :- प्रतिभावान शब्द का प्रयोग केवल उन 1% बालक तथा बालिकाओं के लिए किया जाता है, जो सबसे अधिक बुद्धिमान होते हैं।
  2. फलीगलर और विश के अनुसार :- प्रतिभावान शब्द उन सभी बालक तथा बालिकाओं को शामिल करता है, जो शैक्षिक रूप से विद्यालय के उच्च 15 से 20% उपलब्धि वर्ग में आने के लिए उच्च मानसिक योग्यता और कार्यक्षमता रखते हैं या फिर वह किसी विशेष क्षेत्र जैसे गणित यांत्रिकी विज्ञान कलात्मक अभिव्यक्ति सृजनात्मक लेखन संगीत व सामाजिक नेतृत्व में उच्च स्तर की प्रतिभा और मुकाबला करने की एक अनोखी क्षमता योग्यता रखते हैं।

प्रतिभाशाली बालक के प्रकार Type of Gifted Child 

प्रतिभाशाली बालकों को विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण के आधार पर जैसे कि उनके व्यवहार उनकी आवश्यकता है भावनाएं के आधार पर छह प्रकार बताये गए है :-
  1. सफल
  2. चुनौतीपूर्ण
  3. भूमिगत
  4. छोड़ने वाले बच्चों
  5. दोगुना लेबल
  6. स्वायत्त
जबकि कुछ मनोवैज्ञानिक ऐसे हैं जो प्रतिभाशाली बालक के प्रकार दो बताते है :-
  1. 130 से अधिक बुद्धिलब्धि वाले बालक 
  2. वे बालक जो किसी विशेष कल जैसे कि संगीत नाटक नृत्य आदि में विशेष योग्यता रखते हो। 

प्रतिभाशाली बालकों की विशेषताएँ Characteristics of a gifted child

  1. प्रतिभाशाली बालकों का सामान्य ज्ञान उच्च कोटि का होता है और यह अपने से बड़ों का आदर सम्मान करते हैं।
  2. जो प्रतिभाशाली बालक होते हैं, वह अनुशासन में रहते हैं और उन्हें अनुशासन ही पसंद होता है।
  3. इनका शारीरिक विकास सामान्य बालकों की अपेक्षा तीव्र गति से होता है, तथा मानसिक विकास भी अच्छा होता है।
  4. टरमेंन महोदय के अनुसार प्रतिभाशाली बालक तथा बालिकाएँ विद्यालय जाने से पहले पढ़ना लिखना सीख जाते हैं।
  5. जो प्रतिभाशाली बालक बालिकाएँ होती हैं, उनकी सबसे बड़ी विशेषता होती है, कि उनकी बुद्धि लब्धि 120 से अधिक होती है।
  6. प्रतिभाशाली बालक अध्ययन में रुचि रखते हैं और इनका शब्दकोश बहुत अच्छा होता है।
  7. प्रतिभाशाली बालक सूक्ष्म दृष्टि के होते हैं, तथा सामाजिक कार्यों में रूचि कम लेते है।

प्रतिभाशाली बालकों की पहचान Identification of talented children

प्रतिभाशाली बालकों की पहचान करना क्यों जरूरी है इसके बहुत कारण है, जिन्हें हम निम्न प्रकार से समझते हैं:- 

  1. प्रतिभाशाली बालकों की पहचान इसलिए की जाती है, ताकि उनकी जो छिपी हुई शक्तियाँ, योग्यताएँ हैं उनको निखारा जा सके।
  2. यह प्रतिभाशाली बच्चों के लिए विशिष्ट शिक्षा योजना की तरफ कदम हो सकता है।
  3. गलत पहचान होने के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचने के लिए।
  4. इनकी शक्ति योग्यता और सृजनात्मक को सही दिशा प्रदान करने के लिए।
  5. बिना पहचान के कारण बहुत से बच्चे धरती में छिपे हीरे की भांति रह जाते हैं।

प्रतिभाशाली बालकों की पहचान :-  प्रतिभाशाली बालकों की पहचान करना आसान नहीं होता है, क्योंकि जितना दिखाई देता है इनकी पहचान करने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीक का उपयोग करना पड़ता है, जिसमें माता-पिता के साथ ही अध्यापक साथी समूह विशेषज्ञों और प्रतिभाशाली बच्चों के गुण आदि को ध्यान में रखा जाता है। 

प्रतिभाशाली बालकों की पहचान के लिए उनके व्यावहारिक संकेत को इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि वह शीघ्रतापूर्वक और आसानी से याद कर लेते हैं और कुछ भी सीख लेते हैं, अपने आयु स्तर के हिसाब से इनका शब्द भंडार अच्छा होता है, उनकी जिज्ञासा प्रवृत्ति तीव्र होती है। इनका ध्यान और एकाग्रता बहुत अच्छी होती है, यह छात्र बिना रटे काफी लंबे समय तक याद रख सकते हैं। 

इसी तरह प्रतिभाशाली बालकों की पहचान के लिए अध्यापक स्केल का भी उपयोग किया जाता है, जिसमें अपनी आयु स्तर के बच्चों से इनका शब्द भंडार अधिक होता है। यह बालक सुगमता से याद कर लेते हैं तथा स्पष्ट रूप से सोचने के अर्थों को पहचानते हैं। इनमें नेतृत्व संबंधी भी विशेषताएं होती हैं, यह बालक आत्मविश्वासी तथा अपने साथी समूह से सफल होते हैं, तथा उत्तरदायित्व लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। यह बालक अपने आप को किसी भी स्थिति में निर्मित दिनचर्या के प्रति उदासीन होते हैं, इनमें जिज्ञासा अधिक होती है तथा नियमों के प्रति कम ध्यान देते हैं।

बुद्धि लब्धि परीक्षण के द्वारा भी प्रतिभाशाली बालकों के बारे में पता लगाया जा सकता है। सबसे पहले मार्लैंड नामक महोदय ने बुद्धि लब्धि के आधार पर प्रतिभाशाली बच्चों की खोज की थी। उन्होंने इसके आधार पर बताया, कि संज्ञानात्मक योग्यता का मापन किया जा सकता है और बुद्धि परीक्षणों के लिए स्टैनफोर्ड विने तथा वेशलर महोदय के द्वारा जो स्केल दी गई है, उनका प्रयोग किया जा सकता है तथा बताया जा सकता है, कि 135 बुद्धि लब्धि या इससे ऊपर के सभी बच्चे प्रतिभाशाली होते हैं। इस प्रकार का निरीक्षण अध्यापक के द्वारा कक्षा कक्ष में हो सकता है या फिर सामूहिक परीक्षण के आधार पर भी निष्कर्ष निकाला जा सकता है।

प्रतिभाशाली बालकों की शिक्षा education of gifted child

  1. प्रशिक्षित शिक्षक:- प्रतिभाशाली बालकों की बुद्धि लब्धि बहुत अधिक होती है, इसीलिए इन्हे पढ़ाने के लिए कम योग्यता वाले शिक्षक की जरूरत ही नहीं होती। यहाँ पर विद्वान शिक्षक योग्य कुशल और प्रशिक्षित शिक्षक की जरूरत आवश्यकता होती है, जो इनके द्वारा पूछे गए सभी जिज्ञासु प्रश्न को हल कर पाए तथा उनके उत्तर सही-सही खोज कर उनको संतुष्ट कर पाए, तथा उन प्रतिभाशाली छात्रों को नवीन बातें बताकर उन्हें नई जानकारी उपलब्ध कराना प्रशिक्षित शिक्षक का काम होता है।
  2. विशिष्ट कक्षा :- प्रतिभाशाली बालकों के लिए शिक्षा की व्यवस्था अलग प्रकार से होनी चाहिए, क्योंकि ऐसे बालक समाज और राष्ट्र का गौरव होते हैं, जो देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनकी शिक्षा की व्यवस्था अलग प्रकार से तथा सामान्य बालको से अलग की जानी चाहिए।
  3. पाठ्यक्रम :- प्रतिभाशाली बालकों का पाठ्यक्रम सामान्य बालको से भिन्न और विस्तृत होना चाहिए, इनको पाठ्यक्रम में कठिन विषयों का प्रयोग किया जाना चाहिए ताकि वह अपनी योग्यता को और अधिक विकसित और निखार सके।
  4. विशेष छात्रवृत्ति :- प्रतिभाशाली बालकों को उनके कार्य के प्रोत्साहित हेतु आर्थिक मदद छात्रवृत्ति के रूप में होनी चाहिए, जिससे उन्हें विशेष अवसर प्राप्त हो सम्मानित हो सके तथा वह आत्म बल अपने आप को बढ़ाकर अपने मनोबल को ऊंचा कर सके।
  5. कक्षा में प्रोन्नति :- प्रतिभाशाली बालकों की बुद्धि लब्धि अधिक होती है, इसलिए पाठ्यक्रम को जल्दी ही पूरा करने के लिए वह सक्षम होते हैं, इसलिए उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नति देने की व्यवस्था होनी चाहिए। 

दोस्तों यहाँ पर प्रतिभाशाली बालक की विशेषताएँ (Characteristics of a gifted child) प्रतिभाशाली बालक की परिभाषा, प्रतिभाशाली बालक के प्रकार, प्रतिभाशाली बालको की शिक्षा की व्यवस्था के साथ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य समझाये गए है।  

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  1. पाठयक्रम की आवश्यकता तथा महत्व Utility of Curriculum 
  2. समस्या समाधान विधि के चरण Step of Probelm solving Methods

1/Post a Comment/Comments

  1. वाह,,, प्रतिभाशाली बच्चों की सारी विशेषताएं एक ही लेख में आपने बहुत ही सार्थक प्रस्तुति के साथ प्रस्तुत किया है,,,,
    बहुत अच्छा ज्ञानवर्धक ब्लॉग है अड़पका,,

    जवाब देंहटाएं

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