क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम की विशेषताएँ Features of action-oriented curriculum

क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम की विशेषताएँ Features of action-oriented curriculum

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम की विशेषताओं (Features of action-oriented curriculum) में। 

दोस्तों यहाँ पर आप क्रिया केंद्रित पाठयक्रम क्या है? क्रिया केंद्रित पाठयक्रम की विशेषताएँ,क्रिया केंद्रित पाठयक्रम की सीमाएँ पढ़ेंगे। तो आइये शुरू करते है, आजका यह लेख क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम की विशेषताएँ:-

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क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम की विशेषताएँ

क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम क्या है Action-oriented curriculum

क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम का मतलब क्रिया प्रधान पाठ्यक्रम से होता है, अर्थात कार्य को इसमें आधार बनाया जाता है। क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम में कक्षा कार्य के लिए अंतर्वस्तु का चयन शिक्षार्थियों की अभिरुचि उनकी आवश्यकता समस्या और अनुभवों को ध्यान में रखकर ही किया जाता है। 

यह ऐसा पाठ्यक्रम होता है, जो परंपरागत विषय आधारित पाठ्यक्रम की प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरुप प्रकाश में आया था। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से इसका सूत्रपात प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री पेस्टोलॉजी तथा रूसो ने किया है, किंतु इस पाठयक्रम के जो वास्तविक प्रणेता हैं वह जॉन ड्यूवी है, इन्होंने शिक्षा योजना अपने प्रयोगात्मक विद्यालय में कार्यान्वित की उस विषय अंतर्वस्तु पर आधारित करने के स्थान पर उसमें बालकों की चार प्रमुख प्रवृत्तियाँ अभिव्यक्तियों को अवसर दिया यह चार प्रवृत्तियाँ निम्न प्रकार से हैं:- 

  1. सामाजिक
  2. रचनात्मक
  3. प्रयोगात्मक या गवेषणात्मक 
  4. कलात्मक या अभिव्यक्त्तजन्य 

संयुक्त राज्य अमेरिका में 1930 में इस दिशा में विशेष बल दिया गया इस प्रयास को एच. जी. केसबेल ने अपना नेतृत्व प्रदान किया, जबकि हार्वर्ड स्पेंसर के द्वारा प्रतिपादक पांच जीवन- क्षेत्र, आत्मरक्षा,  जीवन - सुरक्षा वंश-वृद्धि, शिशु-पालन सामाजिक एवं राजनीतिक अवकाश का उपयोग से प्रेरणा लेकर 9 जीवन चित्रों का चयन होगा जो निम्न प्रकार से हैं:- 

  1. जीवन एवं स्वास्थ्य का संरक्षण
  2. जीवन वृति की प्राप्ति
  3. परिवार की व्यवस्था 
  4. धार्मिक भावनाओं की अभिव्यक्ति
  5. सौंदर्यबोधात्मक इच्छा की संतुष्टि
  6. शिक्षा प्राप्ति 
  7. सामाजिक तथा नागरिक जीवन में सहयोग
  8. मनोरंजन
  9. भौतिक स्थितियों में सुधार 

क्रिया प्रधान पाठयक्रम में बालकों को ऐसे कार्यों का आयोजन किया जाता है, ऐसे कार्यक्रम उनको दिए जाते हैं, जिनका कुछ सामाजिक मूल्य होता है और वह उनके सभी प्रकार के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इन कार्यों का चुनाव शिक्षा और छात्रों के दोनों के सहयोग से होता है, जिसमें छात्रों की रुचियाँ और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाता है, जॉन ड्यूवी महोदय क्रियाशील पाठ्यक्रम के प्रमुख समर्थक रहे हैं। 

उन्होंने बालक को इस प्रकार के कार्यों के द्वारा शिक्षा देने का सुझाव किया, जिसे सीखने पर वह भविष्य में समाज उपयोगी कार्य करने के लिए योग्य बन पाए जॉनडियर महोदय ने कहा की क्रिया का परिणाम होता है, कि इसका "मार्गदर्शक" उनका कहना है, कि क्रिया अथवा कार्य ज्ञान के स्रोत होते हैं। 

क्रिया अनुभव से पहले होती है, अतः अनुभव ज्ञान एवं अधिगम आदि सभी क्रियाओं के ही परिणाम माने जाते हैं। इस प्रकार जॉन ड्यूवी ने ज्ञान और अनुभव में कोई विशेष अंतर नहीं माना है। उनका कहना है, कि ज्ञान अनुभव से प्राप्त होता है तथा अनुभव क्रिया द्वारा उत्पन्न होता है, इसलिए पाठ्यक्रम को अनुभव प्रदान पाठ्यक्रम के नाम से भी जाना जा सकता है। 

नन महोदय ने कहा है, कि पाठयक्रम में समस्त मानव जाति के अनुभवों को सम्मिलित करना चाहिए, व्यक्तित्व के विकास के लिए तथा सफल जीवन के लिए वर्तमान अनुभवों के साथ-साथ पूर्व अनुभव भी बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी माने जाते हैं।

क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम की विशेषताएँ Features of action-oriented curriculum

  1. क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम के अंतर्गत विकसित अधिगम अनुभवों की जो इकाइयाँ है वह बालकों के लिए बहुत ही सार्थक और महत्वपूर्ण होती हैं।
  2. इसमें अंतर्वस्तु का चयन वर्तमान उपयोगिता और महत्व को ध्यान में रखा जाता है।
  3. इसमें शिक्षा के अधिक व्यापक क्षेत्र को समाहित करना संभव हो जाता है, क्योंकि अधिगम अनुभव में पर्याप्त विविधता उत्पन्न होती है।
  4. यह जो पाठ्यक्रम में जीवन की नवीन स्थितियों में अधिगम के उपयोग की पर्याप्त संभावना है निहित होती हैं।
  5. क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम में अधिगम अनुभवों को विभिन्न इकाइयों का एकत्रीकरण या एकीकरण सुविधाजनक ढंग से हो सकता है।
  6. बालकों की आवश्यकताओं और रुचियों पर आधारित होने के कारण इस प्रकार के पाठ्यक्रम को सभी प्रकार से योग्य माना जाता है।
  7. मानव की प्रगति में क्रियाशीलता सर्वाधिक महत्व रखती है, इससे यह पाठ्यक्रम बहुत ही उपयुक्त और सिद्ध है।

क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम के दोष या सीमाऐं Limitation of action-oriented curriculum

  1. क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम का बहुत अधिक लोकप्रिय होने के साथ इसमें कुछ दोष कुछ सीमाएँ भी हैं, जो निम्न प्रकार से हैं:- 
  2. इस योजना को अपनाने के लिए अनुकूल सामाजिक और शैक्षिक स्थितियां हर जगह नहीं मिल पाती हैं।
  3. नवीन योजना के कारण नवीन पुस्तकों नवीन शिक्षण संदर्भों नवीन सहायक सामग्री आदि का निर्माण और शिक्षकों के प्रशिक्षण आदि की पुनः आवश्यकता होती है। 
  4. इस पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को तैयार करना होता है, क्योंकि वह प्राय परंपरागत विषय आधारित पाठ्यक्रम से ही अनुकूलित होते हैं।
  5. नवीन तथा अपरिचित उपागम होने के कारण पाठ्यक्रम नियोजन संशोधन और प्रावधान के कार्यों में अभिभावकों तथा अन्य नागरिकों की समुचित सहायता भी प्राप्त नहीं हो पाती है,  इसलिए प्राय छात्रों को और सुविधा होती है।

दोस्तों यहाँ पर आपने क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम की विशेषताएँ (Features of action-oriented curriculum) क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम क्या है? आदि तथ्य पढ़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। 

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