संघ प्रोटोजोआ के प्रमुख लक्षण Symptoms of phylum protozoa
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संघ प्रोटोजोआ के प्रमुख लक्षणों के साथ संघ प्रोटोजोआ का वर्गीकरण, संघ प्रोटोजोआ क्या है? संघ प्रोटोजोआ के 4 जंतुओं के नाम तथा प्रोटोजोआ और मानव रोग के बारे में जानेंगे।
तो दोस्तों बने रहें हमारे इस लेख के साथ और पढ़ते है, यह लेख संघ प्रोटोजोआ के प्रमुख लक्षण एवं वर्गीकरण, संघ प्रोटोजोआ के मुख्य लक्षण:-
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संघ प्रोटोजोआ क्या है Phylum protozoa
वे प्रारंभिक Primitive अथवा प्राथमिक सूक्ष्मदर्शी Microscopic और यूकैरियोटिक जंतु, जिनका शरीर का संगठन अकोशिकीय प्रकार का होता है,
तथा गुणों में एक दूसरे से हमेशा समानता प्रदर्शित करते हैं उन सभी जीवो को एक साथ सम्मिलित एक संघ में वर्गीकृत किया गया है, जिसे एक संघ प्रोटोजोआ (Phylum Protozoa) का नाम दे दिया है
संघ प्रोटोजोआ का नाम संघ प्रोटोजोआ इसलिए रखा गया, क्योंकि इस संघ में जितने भी जीव सम्मिलित किए गए हैं उनको प्रारंभिक जीव Primetive Creature कहा जाता है।
क्योंकि यही जीव पृथ्वी पर सर्वप्रथम जन्मे थे। प्रोटोजोआ Protozoa शब्द अंग्रेजी का है, जिसकी उत्पति Protos जिसका अर्थ होता है
"Primetive" प्रारंभिक तथा Zoon शब्द का अर्थ होता है "Animals" इसलिए प्रोटोजोआ उन जीवो का संघ है जिसमें सभी प्रकार के प्रारंभिक जीवों को शामिल किया गया है। वर्तमान में प्रोटोजोआ संघ में लगभग 50,000 जीवो की प्रजातियाँ ज्ञात हैं।
प्रोटोजोआ संघ का नामकरण Nomenclature
जीवों का अध्ययन वर्षों से करने की कोशिश विद्वान लोगो ने की किन्तु सबसे पहले जीवों का अध्ययन वैज्ञानिक तरीके से 16 वीं शताब्दी में शुरू हुआ था।
कई वैज्ञानिकों ने जीवो और जीवों के जीवन संबंधी अध्ययन किये, जिनमें से सर्वप्रथम ल्यूवेनहॉक Livon Hawk ने 1677 में जीवो का विस्तृत अध्ययन किया
तथा गोल्डफस Goldfuss नामक वैज्ञानिक ने 1882 में इस संघ को उनके गुणों के आधार पर प्रोटोजोआ नाम (Protozoa) दिया। इस संघ के सभी प्रकार के जंतु अकोशकीय शारीरिक संगठन प्रदर्शित करते हैं।
अर्थात कह सकते हैं, कि संघ प्रोटोजोआ के अंतर्गत उन जीवो को शामिल किया गया है, जिन जीवो का शरीर एक कोशिका (Unicelluler) से निर्मित हुआ है।
इन जीवों में विभिन्न कार्यों को संपादन करने के लिए सूक्ष्म प्रकार के अंग पाए जाते हैं, जैसे- उत्सर्जन एवं परासरण के लिए संकुचनशील रिक्तिकाएँ पाई जाती हैं,
तो वही पाचन (Digestion) हेतु भोजन की रिक्तिकाएँ पाई जाती हैं, जबकि प्रचलन कूटपाद फ्लेजिला तथा सीलिया के द्वारा होता है।
अमर प्राणी Immortal animals
संघ प्रोटोजोआ के जंतुओं मे प्रोटोप्लाज्म का शारीरिक जीवद्रव्य एवं जनन द्रव्य में विभेदन नहीं होता है, जिससे स्वतंत्र मूलक Free Radicals कोशिका
के साइटोप्लाज्म में एकत्रित हो जाते हैं, तब कोशिका विभाजन प्रारंभ होता है, तथा वयस्क कोशिका पुत्री कोशिकाओं में बदल जाती है।
अर्थात पुरानी कोशिकाओं से नवीन कोशिकाओं (Cells) का निर्माण होता है, इसलिए प्रोटोजोआ के जंतुओं की प्राकृतिक मृत्यु नहीं होती।
संघ प्रोटोज़ोआ के प्रमुख लक्षण General characteristic
संघ प्रोटोजोआ के प्रमुख लक्षण निम्न प्रकार हैं:-
- आवास एवं प्रकृति - संघ प्रोटोजोआ के जंतु स्वतंत्रजीवी Free living सहजीवी Symbiotec सहभौजी Commensal एवं परजीवी Parasitic प्रकृति के होते है। संघ प्रोटोजोआ के प्राणी जलीय और स्थलीय दोनों स्थानों में पाए जाते हैं। प्रोटोजोआ संघ के जंतु स्वच्छ और समुद्री जलीय दोनों प्रकार के होते हैं, जो एकल तथा संगठन में रहना पसंद करते हैं।
- शारीरिक आकृति एवं आकार - संघ प्रोटोजोआ के जंतु हमेशा सूक्ष्मदर्शीय छोटे आकार के जंतु होते हैं, जिनका शारीरिक परिमाण 0.001 से 5.0 mm तक होता है। इसलिए इन्हें नंगी आंखों से देखना असंभव है। संघ प्रोटोजोआ के जंतुओं की शारीरिक आकृति हमेशा स्थाई होती है, किंतु कुछ प्राणियों में यह परिवर्तित भी होती रहती है।
- शारीरिक संगठन - संघ प्रोटोजोआ के जंतुओं मैं प्रोटोप्लास्मिक अथवा उपकोशिकीय स्तर का शारीरिक संगठन पाया जाता है। यह जंतु हमेशा असमितिय (Asymmetric) जंतु होते हैं।
- शारीरिक आवरण - संघ प्रोटोजोआ के जंतुओं का शरीर समानत: नग्न अवस्था में होता है, किंतु कुछ जंतु ऐसे होते हैं, जिनके शरीर पर पेलिकल Pelicle से बना हुआ आवरण होता है, लेकिन कुछ परणीयों के शरीर का अवरण कैल्शियम कार्बोनेट Calcium Carbonate (CaCO3) का खोल अथवा टेस्ट भी बना होता है।
- केंद्रक एवं प्रचलन - संघ प्रोटोजोआ के जंतुओं में एक या एक से अधिक केंद्रक देखने को मिलते है, जो एकआकारीय अथवा द्वीआकारीय होते हैं। संघ प्रोटोजोआ के जंतुओं में चालन कूटपाद (Pseudopod) फ्लेजिला (Flagella) तथा सीलिया (Celia) के द्वारा होता है. लेकिन प्रोटोजोआ के परजीवी जंतुओ में विशेष अंग सूक्ष्म नलिकाओं के द्वारा प्रचलन होता है।
- प्रोटोप्लाज्म - संघ प्रोटोजोआ के जंतुओं में प्रोटोप्लाज्म पाया जाता है, जो दो प्रकारों में बाहरी एक्टोप्लाज्म (External Actoderm) एवं आंतरिक एंडोप्लाज्म (Internal Endoplsm) में विभाजित होता है।
- पोषण और प्रजनन - जंतुओं में पोषण प्राणीसम (Zoological) पादपसम, (Plants) मृतोपजीवी (Saprophyte) अथवा परजीवी (Parasite) प्रकार का होता है, जबकि पाचन क्रिया अंतराकोशिकीय प्रकार की होती है, जंतुओं में प्रजनन अलैंगिक (Asexual) अथवा द्वीखंडन, बहूखंडन के द्वारा होता है, जबकि लैंगिक (Sexual) प्रजनन में युग्मकों (Gamets) का निर्माण होता है।
- श्वसन एवं परिसंचरण- शोषण शारीरिक सतह के द्वारा होता है, जबकि आवश्यक खाद पदार्थों का परिसंचरण अंतरकोशिकीय (Intercellular) प्रकार का होता है।
- परासरण एवं उत्सर्जन - प्रोटेप्लाज्म से जल एवं लवणों की सांद्रता का नियंत्रण संकुचनशील रिक्तकाओं के द्वारा किया जाता है, जबकि उत्सर्जी पदार्थों का प्रोटोप्लास्मिक से कुछ उत्सर्जी उत्पादों को पृथक करने का कार्य संकुचनशील रिक्तिका विसरण प्रक्रिया के द्वारा शारीरिक सतह से बाहर निकाल दिया जाता है।
संघ प्रोटोजोआ का वर्गीकरण Classification of phylum protozoa
संघ प्रोटोजोआ को प्रचलन अंगों के आधार पर बांटा गया है। संघ प्रोटोजोआ को दो उपसंघो subphylum में विभाजित किया है:-:
1. प्लास्मोड्रोमा Plasmodroma
2. सीलियोफोरा Ciliophora
उपसंघ प्लास्मोड्रोमा subphylum plasmodroma
उपसंघ प्लास्मोड्रोमा के अंतर्गत कई वर्ग तथा गणो को रखा है यहाँ पर एक उदाहरण को प्रस्तुत किया गया है:-
आमीबा Amoeba
- वर्गीकरण Classification
- संघ (Phylum) - प्रोटोजोआ (protozoa)
- उप संघ (Subphylum) - प्लाज्मोड्रोमा (Plasmodroma)
- वर्ग (Class) - राइजोपोडा (Rhizopoda)
- गण (Order) - लोबोसा (Lobosa)
- वंश (Genus) - अमीबा (Amoeba)
- जाति (Species) - प्रोटियस (Proteus)
- यह स्वच्छ तथा अलवणीय जल में तली में कीचड़ वाले स्थान पर तथा में मिट्टी में पाया जाता है।
- इसका शरीर नग्न व अनियमित होता है प्रोटोप्लाज्म (Protoplasm) स्पष्ट रूप से एकटो तथा एंडोप्लाज्म में विभाजित होता है।
- यह जीव प्रचलन कूटपाद के द्वारा करता है।
- यह प्राणी प्राणी समभोजी तथा पादप समभोजी दोनों प्रकार का पोषण (Nutrition) प्रदर्शित करता है।
- परासरण नियमन विशेष संरचना संकुचन घानियों के द्वारा किया जाता है।
- यह केवल अलैंगिक (Asexual) प्रकार का प्रजनन ही करता है।
उपसंघ सीलियोफोरा Subphylum ciliophora
उपसंघ सीलियोफोरा के अंतर्गत भी विभिन्न प्रकार के वर्ग और गणों को रखा गया है। यहाँ पर एक उदाहरण प्रस्तुत किया गया है:-
पैरामीशियम Paramecium
- वर्गीकरण Classification
- संघ (Phylum) - प्रोटोजोआ (Protozoa)
- उपसंघ (Subphylum) - सिलियोफोरा (Ciliophora)
- वर्ग (Class) - सिलियेटा (Ciliata)
- उपवर्ग (Subclass) - होलोट्राईका (Holotricha)
- गण (Order) - हैमेनोस्टोमेटिडा (Hymanostomatatida)
- वंश (Genus) - पैरामीशियम (Paramecium)
- यह स्वच्छ जल के जलाशयों में स्वतंत्र रूप से पाए जाने वाले प्राणी होते हैं।
- इनकी आकृति स्लीपर के समान होती है, तथा इनका शरीर पेलीकल (Pellicle) नामक आवरण से ढका रहता है।
- इस जीव का साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) एकटोप्लाज्म और एंडोप्लाज्म में विभेदित रहता है।
- शरीर के चारों तरफ सिलिया (Celia) पाए जाते हैं, जो प्रचलन में मदद करते हैं।
- इसके शरीर के पश्च पाशर्व में एक गड्डे जैसा मुख होता है जो मुख्य ग्रसनी में खुलता है।
- पैरामीशियम में एक छोटा सा लघु केंद्रक तथा एक बड़ा गुरु केंद्रक पाया जाता है।
- पैरामीशियम में दो संकुचनशील धनियाँ होती हैं जो दो अग्र तथा पश्च दो भागों में विभाजित होते हैं।
- इन जीवों में लैंगिक (Sexual) तथा अलैंगिक (Asexual) दोनों प्रकार का प्रजनन होता है।
संघ प्रोटोजोआ के 4 जंतुओं के नाम तथा वर्गीकरण Name and classification of 4 animals of protozoa
1. एक्टिनोफ्रिस Actinophrys
- संघ (Phylum) - प्रोटोजोआ (Protozoa)
- उप संघ (Subphylum) - प्लाज्मोड्रोमा (Plasmodroma)
- वर्ग (Class)- सार्कोडिना (Sarcodina)
- गण (Order) - हैलियजोआ (Helioza)
2. ओपेलाइना Opelina
- संघ (Phylum) - प्रोटोजोआ (Protozoa)
- उप संघ (Subphylum) - सिलियोफोरा (Ciliophora)
- वर्ग (Class) - ओपेलाइनेटा (Opelinata)
- गण (Order) - ओपेलिनिडा (Opelinida))
3. सीरेशियम Cireshium
- संघ (Phylum) - प्रोटोजोआ (Protozoa)
- उप संघ (Subphylum) - प्लाज्मोड्रोमा (Plasmodroma)
- वर्ग (Class) - फ्लेजिलेटा (Flagellata)
- गण (Order) - डायनोफ्लेजेलेटा (Dinoflagellata)
4. युग्लीना Euglena
- संघ (Phylum) - प्रोटोजोआ (Protozoa)
- उपसंघ (Subphylum) - प्लाज्मोड्रोमा (Plasmodroma)
- वर्ग (Class) - मेस्टिगोफोरा (Mastigophora)
- गण (Order) - युग्लीनॉइडिना (Euglenoidina)
प्रोटोज़ोआ और मानव रोग Protozoa and human desease
प्रोटोजोआ और मानव रोग का संबंध लंबे समय से रहा है। नीचे प्रमुख प्रोटोजोआ जनित रोगों का वर्णन किया गया है:-
- निद्रा रोग (Sleep disorders) - निद्रा रोग को स्लीपिंग सिकनेस के नाम से भी जाना जाता है, जो ट्रिपेनोसोमा नामक प्रोटोजोआ के कारण उत्पन्न होता है। इस प्रोटोजोआ का वाहक सी.सी मक्खी है। इस रोग में शरीर में कमजोरी मानसिक तथा शारीरिक कमजोरी उत्पन्न होती है। इसके उपचार के लिए ट्रिप्सरमाइड नामक मेडिसिन का पूरा कोर्स लेना चाहिए.
- मलेरिया (Malaria) - मलेरिया एक प्रोटोजोआ जनित रोग है। मलेरिया का वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है। इस रोग में शरीर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ता है और ठंड लगती है। मलेरिया के उपचार के लिए कुनैन, क्लोरोक्वाइन आदि का उपयोग किया जाता है.
- पायरिया (Pyuria) - पायरिया नामक रोग एंटेअमीबा जिंजिवालिस नामक प्रोटोजोआ से होता है। जिसमें मसूड़ों तथा दांतों को हानि पहुंचती है। इसके उपचार के लिए विटामिन सी का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए।
- पेचिश (Dysentery) - यह रोग एंट अमीबा हिस्टॉलिटिका नामक प्रोटोजोआ के कारण ही फैलता है। इससे शरीर में पानी की कमी होने लगती है दस्त और उल्टी अधिक देखने को मिलते हैं। इसके उपचार में आयरोफॉर्म, मैक्सफॉर्म जैसी दवाइयों का उपयोग किया जाता है।
दोस्तों इस लेख में आपने संघ प्रोटोजोआ के प्रमुख लक्षणों (Symptoms of Phylum Protozoa) के साथ संघ प्रोटोजोआ क्या है संघ प्रोटोजोआ का वर्गीकरण, संघ प्रोटोजोआ के 4 लक्षण, संघ प्रोटोजोआ के 5 लक्षण
संघ प्रोटोजोआ के 4 जंतुओं के नाम प्रोटोजोआ तथा मानव रोग आदि के बारे में पढ़ा। आशा करता हूँ यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।
FAQs for Protozoa
प्रोटोजोआ की खोज किसने की?
प्रोटोजोआ, की खोज और शब्द का प्रयोग जर्मनी के महान पेलियोटोलॉजिस्ट और जीवविज्ञानी जॉर्ज अगस्त गोल्डफस ने 1801 में की थी।
प्रोटोजोआ कहाँ पाया जाता है?
प्रोटोजोआ संसार के सभी भागों जल थल नम गर्म सुमुद्री जलीय झीलों आदि जगहों पर पाया जाता है।
संघ प्रोटोजोआ के उदाहरण
प्रोटोजोआ के उदाहरण में अमीबा, प्लाज्मोडियम आदि आते है।
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