आर्थ्रोपोडा के मुख्य लक्षण Phylum Arthropoda ke mukhya lakshan

आर्थ्रोपोडा के मुख्य लक्षण Phylum Arthropoda ke mukhya lakshan

हैलो दोस्तों आपका इस लेख संघ आर्थ्रोपोडा के मुख्य लक्षण क्या है (Main charactristics of phylum Arthropoda) में बहुत-बहुत स्वागत है। दोस्तों इस लेख में आप संघ आर्थोपोडा की समस्त जानकारी जानेंगे।

इस लेख में आप जानेंगे संघ आर्थोपोडा के मुख्य लक्षण क्या हैं, संघ आर्थोपोडा किसे कहते हैं और संघ आर्थोपोडा का वर्गीकरण क्या है

तथा संघ आर्थोपोडा के उदाहरण, फाइलम आर्थ्रोपोडा के दो उदाहरण तो दोस्तों आगे बढ़ते हैं हमारे इस लेख में और पढ़ते है, संघ आर्थोपोडा के मुख्य लक्षण क्या है:-

संघ आर्थ्रोपोडा किसे कहते हैं what is phylum arthropoda 

संघ आर्थोपोडा (Phylum Arthropoda) में उन विकसित जंतुओं को रखा गया है, जिनका शरीर सम खंडित तथा द्विपाशर्वीय होता है।

संघ आर्थोपोडा का मुख्य लक्षण ही यह होता है, कि इस संघ के सभी जंतुओं में संयुक्त उपांग (Joint appendage) पाए जाते हैं।

आर्थ्रोपोडा शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है Arthros = Joints = संयुक्त तथा Pods = foot पैर (उपांग ) इस प्रकार से कह सकते हैं,

कि संघ आर्थोपोडा उन जंतुओं का संघ Phylum है, जिनमें उपांग संयुक्त अवस्था में पाए जाते हैं और वह अर्थ्रोपोडिअल झिल्ली (Arthropodial Membrane) से जुड़े हुए रहते हैं।

संघ आर्थोपोडा का नामकरण Nomenclature of Phylum Arthropoda 

संघ आर्थोपोडा Phylum Arthropoda के जंतुओं का सामान्य नाम (General Name) आर्थ्रोपोडियल झिल्ली से जुड़े पादीय जंतु होता है। 

जबकि इन जंतुओं को एक संघ के रूप में आर्थ्रोपोडा Arthropoda नाम वैज्ञानिक जंतुशास्त्री वॉन सीबोल्ड ने 1845 मैं दिया था।

संघ आर्थोपोडा जीव धारियों का सबसे बड़ा संघ है,  जिसमें वर्तमान में लगभग 900000 प्रजातियों को शामिल किया गया है, जिसमें कुछ जीवित तथा कुछ विलुप्त प्रजातियाँ है।

संघ आर्थ्रोपोडा के मुख्य लक्षण

संघ आर्थ्रोपोडा के मुख्य लक्षण Phylum Arthropoda ke mukhya lakshan 

संघ आर्थ्रोपोडा के मुख्य लक्षण निम्न प्रकार से बताये गए है:- 

  1. आवास एवं प्रकृति (Habitat and Nature) - संघ आर्थोपोडा के जंतु वे जंतु है, जो संपूर्ण विश्व में कई प्रकार के आवासों में पाए जाते हैं। कुछ जंतु ऐसे भी होते हैं, जो पौधों में और अन्य जीवो में परजीवी के रूप में भी पाए जाते हैं। तथा कुछ जंतु आर्थिक महत्त्व भी प्रदर्शित करते हैं।
  2. शारीरिक संगठन (Body Sangthan) - संघ आर्थोपोडा के जंतुओं का शारीरिक संगठन अंग organorgan तथा अंग-तंत्र organ system से मिलकर बना होता है। 
  3. शारीरिक विभाजन (Physical division) - संघ आर्थोपोडा के जंतुओं का शारीरिक विभाजन सिर, वक्ष और उदर में आसानी से किया जा सकता है, जबकि कुछ जंतु ऐसे होते हैं, जो सिर और  वक्ष दोनों को मिलाकर सिरोवक्ष का निर्माण कर लेते हैं।
  4. सममिति (Symmetry) - संघ आर्थोपोडा के जंतुओं की सममिति द्विपाशर्व सममिति होती है, अर्थात इनको केंद्र से काटे जाने पर ये दो बराबर-बराबर भागों में विभक्त हो जाते हैं।
  5. शारीरिक आवरण (Body Aavran) - इन जंतुओं के शरीर का वाह आवरण कठोर और मजबूत होता है, जो काइटिन की क्यूटिकल से बना होता है, किन्तु इस आवरण को शारीरिक वृद्धि के लिए इस संघ के जंतु उतार भी सकते है। यह क्रिया निर्मोचन moulting कहलाती है। और यह लक्षण संघ आर्थ्रोपोडा के जंतुओं का मुख्य लक्षणों में से एक है।
  6. देहभित्ति (Body wall) - इन जीवों की देहभित्ति मोटी एपिडर्मिस तथा इसके नीचे डर्मिस से मिलकर बनी होती है।
  7. प्रचलन (Motion)  - इस संघ के प्राणियों में प्रचलन के लिए संयुक्त उपांग पाए जाते हैं, जो संघ आर्थ्रोपोडा का मुख्य लक्षण है। जबकि इस संघ के कुछ जंतुओं में उड़ने के लिए झिल्लीमय पंख भी उपस्थित होते हैं।
  8. देहगुहा (Body cavity) - संघ आर्थोपोडा के जंतुओं में वास्तविक देहगुहा पाई जाती है, जिसे शीजोसीलिक देहगुहा कहते है। इस देहगुहा में रक्त एवं देहगुहीय द्रव भरा रहता है, इसलिए इसे हेमोसीलिक देहगुहा के नाम से भी जाना जाता है।
  9. पोषण (Nutrition)  - इस संघ के जंतु सभी प्रकार का पोषण करते है इनमें उपस्थित उपांग जीवों को पकड़ने तथा पोषण में मदद करते है।
  10. उत्सर्जन (Excretion) - संघ आर्थ्रोपोडा के जंतुओं में ग्रीन ग्रंथियाँ green glands तथा मैलपीजियन नलिकाएँ उत्सर्जन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  11. स्वशन (Repiration) - स्वशन के लिए इनमें अंग गिल्स gills , ट्रेकिया trachea, बुक लंग्स booklungs, जबकि कुछ जंतु शारीरिक स्वशन भी करते है।
  12. परिसंचरण तंत्र (Circulatory System) - इन्हें जंतुओं में परिसंचरण तंत्र खुले प्रकार का होता है। परिसंचरण तंत्र में ह्रदय, पृष्ठ महाधमनी तथा कुछ शिराएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह परिसंचरण तंत्र हीमोसीलिक प्रकार का होता है।
  13. तंत्रिका तंत्र (Nervous System) - इन जीवों का मस्तिष्क एक जोड़ी गैन्ग्लिया  से बना हुआ होता है। जो नेत्रों के मध्य स्थित होता है जबकि दोहरी तंत्रिका रज्जु के प्रत्येक खंड में 1 जोड़ी गैन्ग्लिया तथा अनेक जोड़ी तंत्रिकाये होती हैं।

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संघ आर्थोपोडा का वर्गीकरण Classification of Phylum Arthropoda

संघ आर्थोपोडा का वर्गीकरण संघ आर्थोपोडा के जंतुओं के शारीरिक विभाजन मुख्य अंगो के प्रकार आदि के आधार पर विभिन्न उप-संघों में किया गया है:-

1.  उप-संघ Sub-phylum ओनीकोफोरा Onychophora

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस उप- संघ के जंतु कोमल शरीर Softed Body वाले पतले कैटरपिलर के जैसे भूमि पर रहने वाले जीव होते हैं।
  2. इन जंतुओं का शरीर लंबा बेलनाकार और विखंडित होता है, जबकि शरीर पर स्पष्ट अंकुरक होते हैं।
  3. इन जीवों के शरीर के आगे वाले सिरे पर अस्पष्ट किंतु एक जोड़ी छोटे एण्टीनी तथा संयुक्त नेत्र पाए जाते हैं।
  4. इस उप- संघ के जंतुओं छोटा तथा लगभग 14 छोटे-छोटे पूछ पाद होते हैं।
  5. श्वशन आशाखित वायु नालों के द्वारा होता है।और शरीर क्यूटिकल की महीन पतले आवरण से ढका का रहता है।
  6. नर तथा मादा प्रथक प्रथक होते हैं, और शिशुओं को जन्म देते हैं।

 उदाहरण - परिपेटस (Peripatus)

2.  उप-संघ Sub-phylum - टार्डीग्रेडा Tardigrada

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस संघ के प्राणी जलीय और छोटे कृमि के समान होते हैं।
  2. इन प्राणियों का शरीर कोमल, खंडहीन, तथा बेलनाकार होता है। जबकि दोनों सिरे नुकीले जैसे होते हैं।
  3. इनके सिर पर नेत्र पाए जाते हैं।
  4. इन जंतुओं की देहगुहा हीमोसील Heamoceol प्रकार की होती है।
  5. इन प्राणियों के शरीर पर 4 जोड़ी ठूठ समान संधि विहीन पाद उपस्थित होते हैं।
  6. इनमें श्वशन और संवहन तंत्र अनुपस्थित होता है।
  7. आहार नाल नाला आकार मुख चूषक शुण्ड सहित होता है।
  8. इस उप - संघ के जंतु नर और मादा प्रथक- प्रथक होते हैं, जिनमें निषेचन आंतरिक और परिवर्तन में लारवा अवस्था में पाई जाती हैं।

उदाहरण - मैक्रोबायोटस (Macrobiotus)

3. उप-संघ Sub-phylum - पेंटास्टोमिडा Pentastomida

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस उप संघ के प्राणी का नाम जिव्हा कृमि भी है, क्योंकि इनका शरीर कर्मी के समान होता है और ये अंत:परजीवी के रूप में होते हैं, जो रक्त चूसते हैं।
  2. इन प्राणियों का शरीर चपटा खंडविहीन होता है, तथा शरीर की लंबाई 2 से 14 सेंटीमीटर तक होती है।
  3. प्राणियों का शरीर क्यूटिकल से ढका हुआ रहता है।
  4. इन प्राणियों में आहार नाल नालाकार आकृति की होती है।
  5. संवहन तंत्र श्वसन तंत्र और उत्सर्जन तंत्र अनुपस्थित होते हैं।
  6. इन जंतुओं में जनन छिद्र एवं गुदाद्वार शरीर के अधरीय  सतह पर पाए जाते हैं।
  7. इनमें निषेचन आंतरिक और जीवन चक्र दो पोषकों  में पूर्ण होता है।

उदाहरण -  लिंगुएटेला (linguetela)

4. उप-संघ Sub-phylum- ट्राइलोबाइटोमोर्फा Trilobitomorpha

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस उपवर्ग में बिलुप्त समुद्री प्राणी हैं, जो कैम्ब्रियन कल्प से पर्मियन कल्प के बीच में पाये जाते थे।
  2. इन प्राणियों के शरीर 2 अनुदैर्ध्य खाँचों के द्वारा तीन पालियों में विभाजित रहते है।
  3. इनका सिर स्पष्ट उधर भाग में 2 से 29 खंड तथा पश्च सिरे पर एक पुच्छ प्लेट होती है।
  4. अंतिम खंड को छोड़कर शेष सभी खंडों पर एक जोड़ी द्विशाखित संधियुक्त उपांग पाए जाते हैं।

उदाहरण - ट्रिइलोबाइट (Trilobyte)

5. उप-संघ Sub-phylum - केलिसेरेटा Chelicerata

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. यह प्राणी पृथ्वी पर पाए जाते हैं, जिन्हें स्थली प्राणी भी कहा जाता है।
  2. इनका शरीर सिर वक्ष तथा उदर में बँटा हुआ रहता है।
  3. इनके सिर और वक्ष पर मेंडीबल, ऐंटिनी के अतिरिक्त 6 जोड़ी उपांग भी होते हैं।
  4. उदर भाग पर कोई उपांग नहीं पाए जाते है।
  5. इन प्राणियों में श्वशन वायु नाल क्लोम और बुकलंगस द्वारा होता है।
  6. नर और मादा अलग-अलग होते हैं और मादाएं अंडे देती हैं।
  7. प्राणियों में उत्सर्जन में मैलपीजी नालिकाओं के द्वारा और श्रोणी ग्रंथियों के द्वारा होता है।

 इस उपसंघ को दो भागों में बांटा गया है।

  1.  वर्ग - मेरोस्टोमेटा (Merostometa)
  2.  वर्ग - ऐरेकिनदा (Arachnida)

6. उप-संघ Sub-phylum - पिक्नोगोनिडा Phycnogonida

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस उप संघ के प्राणी छोटे आकार के होते हैं और समुद्र में रहते हैं।
  2. इन प्राणियों का शरीर सिर वक्ष तथा उदर में विभाजित होता है। सिर एक खंडीय तथा धड तीन या चार खंड का होता है, जबकि उदर कम विकसित होता है।
  3. इन प्राणियों में श्वशन तथा उत्सर्जन अंगो का अभाव होता है।
  4. इस उपसंघ के प्राणियों का मुख एक लंबी शुण्ड पर स्थित होता है।
  5. सिर में 4 नेत्र पाए जाते हैं।
  6. उपांग संधि युक्त एक जोड़ी कैसिलरी एक जोड़ी स्पर्शक 4-6 जोड़ी चल उपांग तथा एक जोड़ी ओविजेरस उपांग होते हैं।

उदाहरण - निम्फोन (Nymphon)

7. उप-संघ Sub-phylum - मेंडीबुलेटा Mandibulata

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इनका शरीर सिर या धड या सिर धड और उदर में बँटा हुआ रहता है।
  2. इनके सिर पर एनटिनी एवं मेंडीबल्स पाए जाते हैं।
  3. सिर पर एक जोड़ी नेत्र पाए जाते हैं, जो संयुक्त होते हैं।
  4. इनमें श्वशन क्लोम अथवा वायुनालों के द्वारा होता है।
  5. इन प्राणियों में उत्सर्जन मैलपीजी नलिकाओं या एन्टिनल  ग्रंथियों के द्वारा होता है।
  6. यह एक लिंगी तथा  नर मादा  प्रथक - प्रथक होते हैं।
  7. इनमें शिशु अवस्था में पाई जाती हैं।

 इस उपसंघ को 6 वर्गों में बांटा गया है:- 

 1. वर्ग Class - क्रस्टेशिया (Crustavea)

  उदाहरण - ऐपस (Apus)

 2. वर्ग Class - पोरोपोड़ा (Pauropoda)

  उदाहरण - पोरोपस (Pauropus)

 3. वर्ग class - डिप्लोपोडा (Diplopoda)

  उदाहरण - जूलस (Julus)

 4. वर्ग Class - चिलोपोडा (Chilopoda)

  उदाहरण - स्कूटीजेरा (Scutigera)

 5. वर्ग Class - सिम्फाईला (Symphyla)

  उदाहरण - सिम्फैलाईला (Symphylella)

 6. वर्ग Class - इन्सेक्टा (Insecta)

   उदाहरण - डिप्लुरा (Diplura)

संघ आर्थोपोडा के दो उदाहरण Two examples of phylum Arthropoda

तितली का वर्गीकरण

1. तितली Butterfly

 वर्गीकरण (Classification)

  1.  संघ (Phylum) - आर्थ्रोपोडा (Arthropoda)
  2.  वर्ग (Class) - इंसेक्टा (Insecta)
  3.  गण (Order) - लेपिडोप्टेरा (Lepidoptera)
  4.  वंश (Genus) - डेनस (Danus)

 सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस जंतु का शरीर कोमल पूरे शरीर पर रोम और शल्क  पाए जाते हैं
  2. इसका सिर छोटा एक जोड़ी संयुक्त नेत्र तथा एक जोड़ी एनटिनी उपस्थित होते हैं।
  3. मुख उपांग चूषक प्रकार Sucking type का इसमें लंबी कुंडलित प्रोबोसिस होती है।
  4. इस जीव में 2 जोड़ी विकसित पंख पाए जाते हैं जिन पर शल्क होते हैं।
  5. इनके लार्वा को इल्ली कैटरपिलर Cterpiler कहते हैं।
  6. तितलियां दिनचर होती हैं, और फूलों से मधु चूसती रहती हैं।

मकड़ी का वर्गीकरण

 2. स्पाइडर (मकड़ी ) Spider

 वर्गीकरण (Classification)

  1.  संघ (Phylum) - आर्थ्रोपोडा (Arthropoda)
  2.  उप - संघ (Sub - Phylum) - केलिसेरेटा (Chelicerata)
  3.  वर्ग (Class) - एरेक्निडा (Arachnida)
  4.  गण (Order) - एरेनी (Araneae)
  5.  वंश (Genus) - आर्जियोप (मकड़ी) Argiope (Spider)

सामान्य लक्षण Common symptoms

  1. इस जीव का सामान्य नाम मकड़ी है, जो घास फूस और छायादार स्थानों पर देखने को मिलता है।
  2. इनका शरीर प्रोमोसा Prosoma और ऑस्पिथोंसोमा  Opisthosoma में विभाजित होता है, यह दोनों परस्पर एक संकीर्ण वृंत द्वारा जुड़े रहते हैं।
  3. प्रोमोसा पर सरल नेत्र होते और 6 जोड़ी उपांग होते हैं। जिनमें 1 जोड़ी चेलीशेरी Chelicarae एक जोड़ी पैंडीपल्स तथा 4 जोड़ी पाद होते हैं।
  4. प्रोसोमा केरापेस द्वारा ढका रहता है, और ऑस्पिथोंसोमा अंडाकार खंड रहित होता है।
  5. विष ग्रंथियाँ केलिसेरी के विष दांतो में खुलती है।
  6. नर तथा मादा प्रथक - प्रथक होते हैं।
  7. मैथुन करने के पश्चात मादा नर को खा जाती है।

दोस्तों इस लेख में अपने संघ आर्थ्रोपोडा के मुख्य लक्षण फाइलम आर्थ्रोपोडा के दो उदाहरण (Phylum Arthropoda symptoms) संघ आर्थ्रोपोडा का वर्गीकरण, तथा उदाहरण पढ़े आशा करता हुँ यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।

FAQs for Arthropda

Q.1. दुनिया का सबसे बड़ा संघ कौन सा है?

Ans. संघ आर्थ्रोपोडा प्राणी जगत का सबसे बड़ा संघ है

Q.2. फाइलम आर्थ्रोपोडा में कितने वर्ग होते हैं?

Ans. फाइलम आर्थ्रोपोडा को अध्ययन की सुविधा से सात उपसंघों में बाँटा गया है जिनके अंतर्गत कई वर्ग है।

Q.3. फाइलम आर्थ्रोपोडा के दो उदाहरण

Ans. तितली, मकड़ी फाइलम आर्थ्रोपोडा के दो उदाहरण

  • इसे भी पढ़े:- 

  1. संघ पोरीफेरा के लक्षण तथा उदाहरण Symptoms and Classification of Phylum Porifera
  2. संघ प्रोटोजोआ के मुख्य लक्षण तथा वर्गीकरण Main symptoms and classification of phylum protozoa

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