एस्केरिस का वर्गीकरण एवं लक्षण Classification of ascaris

एस्केरिस का वर्गीकरण एवं लक्षण Classification of ascaris 

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख एस्केरिस का वर्गीकरण एवं लक्षण, एस्केरिस के सामान्य लक्षण (Ascaris common symptoms) में।  

इस लेख में आप एस्केरिस के सामान्य लक्षण के साथ ही एस्केरिस का जीवन चक्र, एस्केरिस का संक्रमण और एस्केरिस के संक्रमण से किस प्रकार से बचाव और नियंत्रण किया जाए

आदि महत्वपूर्ण तथ्यों एस्केरिस का वर्गीकरण एवं लक्षण, एस्केरिस के 5 लक्षण, एस्केरिस के 10 लक्षण, एस्केरिस का जीवन चक्र के बारे में जानेंगे। दोस्तों आइए शुरू करते हैं आज पहले एस्केरिस के सामान्य लक्षण:- 

एस्केरिस क्या होता है what is ascaris 

एस्केरिस क्या है - एस्केरिस एक लंबा बेलनाकार केंचुए के समान जीव होता है, जिसका रंग गुलाबी होता है। एस्केरिस संघ एस्केल्मिथीज Eschelmethys Phylum का एक जीव है।

एस्केरिस अंत: परजीवी जीव होता है. जो मनुष्य तथा सूअर की आंत में रहता है और वहीं से पोषण Nutrition प्राप्त करता है। एस्केरिस मनुष्य में एक बीमारी एस्केरियासिस Ascariasis उत्पन्न करता है,

जिसमें विभिन्न प्रकार की अनियमितताएँ देखी जाती हैं। बुखार, उल्टी, बेचैनी के साथ इस बीमारी में ह्रदय, लिवर, किडनी फेफड़े आदि भी प्रभावित होते हैं।

एस्केरिस के सामान्य लक्षण


एस्केरिस का वर्गीकरण classification of ascaris 

एस्केरिस प्राणी एस्केल्मिथीज संघ Eschelmethys Phylum के अंतर्गत आने वाला एक अन्तः परजीवी होता है, जिसका वर्गीकरण निम्न प्रकार से है:-

वर्गीकरण Classification 

  1. संघ Phylum - एस्केल्मिथीज Aschelminthes
  2. वर्ग Class - निमेटोड Nematode
  3. गण Order - एस्केरोइडिया Ascaroidea
  4. वंश Genus - एस्केरिस Ascaris 
  5. जाति Species - लुंबरीकोईडिस Lumbricoides

एस्केरिस का सामान्य नाम Common Name - गोलकृमि Round worm

एस्केरिस के लक्षण symptoms of ascaris 

एस्केरिस के सामान्य लक्षण निम्न है:-

स्वभाव और आवास Temperament and habitat

एस्केरिस एक अन्तः परजीवी होता है, जो विश्व के कई देशों जैसे - भारत, चीन, फिलीपींस,कोरिया आदि देशों में भी पाया जाता है।

सामान्यता इसे अंत्रीय अंतः परजीवी के नाम से जानते हैं। एस्केरिस शिशुओं और छोटे बच्चों में अधिक रोग उत्पन्न करता है। जो छोटे बच्चों की आंतो में रहता है,

एस्केरिस आंत के रस से बचने के लिए एंटी एंजाइम Anti - Enzyme स्रावित करता है और पचे हुए भोज पदार्थ से ही भोजन प्राप्त करता है।

बाह्य संरचना External structure

एस्केरिस का शरीर लंबा और बेलनाकार होता है, जो चमकीले सफेद रंग के केचुआ के समान दिखाई देता है। एस्केरिस के अग्र और पश्च सिरे नुकीले होते हैं।

इनका शरीर Body खंडित होता है, किंतु यह अखंडित प्रकार का होता है, पूरे शरीर पर छोटी-छोटी झुर्रियाँ जैसी पाई जाती हैं।

एस्केरिस का पूरा शरीर चारों ओर से एक विशेष प्रकार के क्यूटिकल Cutical के आवरण से ढका हुआ रहता है। मादा एस्केरिस नर एस्केरिस की तुलना में अधिक लंबी, बड़ी और मोटी होती है।

मादा एस्केरिस के शरीर की लंबाई 20 से 40 सेंटीमीटर तक और व्यास 3 से 6 mm तक हो सकता है, जबकि नर एस्केरिस एस्केरिस की शरीर की लंबाई

लगभग 15 से 30 सेंटीमीटर और शरीर का व्यास 2 से 4 एमएम तक हो सकता है। 

एस्केरिस के अग्र भाग पर तिकोना आकर का मुख होता है, जो तीन ओंठो से मिलकर ढका रहता है। इनके शरीर पर 4 लंबी रेखाएं पूरे शरीर पर होती हैं।

एस्केरिस का जीवन चक्र life cycle of ascaris 

मनुष्य दूषित वस्तुओं तथा पानी का सेवन करने से एस्केरिस से संक्रमित हो जाता है। मनुष्य की आंत में नर और मादा एस्केरिस मैथुन क्रिया करते हैं।

और निषेचित अंडे Fertilised Agg आंत में ही मुक्त कर दिए जाते हैं। निषेचित अंडे मल के साथ मनुष्य शरीर से बाहर भी आ जाते हैं।

अब निषेचित अंडे किसी भी कारण बस कोई दूषित वस्तु का सेवन करने से दूषित पानी का सेवन करने से शरीर में फिर से प्रवेश कर जाते हैं।

17 से 21 दिन के परिवर्धन काल के बाद इन निषेचित अंडों की एक संक्रमणकारी अवस्था रेबडीटॉयड (Rhabditoid) विकसित हो जाती है।

तथा मनुष्य की आंत में पहुंचकर यह फिरसे व्यस्क में परिवर्तित हो जाते। एस्केरिस का संक्रमण बच्चों में सबसे अधिक होता है, जब बच्चे गंदे स्थानों पर खेलते हैं

तो उनके हाथों में एस्केरिस के अंडे या लारवा चिपक जाते हैं, जो मुख्य द्वारा आहार नाल में प्रवेश कर जाते हैं। कभी-कभी एस्केरिस का संक्रमण दूषित जल और भोजन से भी हो जाता है।

यह लारवा युक्त अंडे शरीर में प्रवेश करते हुए रक्त परिसंचरण में पहुंच जाते हैं, तथा यकृत, ह्रदय तथा आंत और फेफड़ों में संक्रमण फैला देते हैं।

इसके पश्चात यह तीसरी और चौथी लारवा अवस्था में पहुंचकर फेरिंग्स में आते हैं और खासने तथा खकारने के पश्चात मुंह में आ जाते हैं.

जहाँ मुँह के द्वारा निगलने पर यह मनुष्य के अमाशय आंत में पहुंच जाते हैं और कायांतरित हो जाते हैं।

एस्केरियासिस के लक्षण Symptoms of ascariasis 

एस्केरिस के द्वारा एस्केरियासिस नामक रोग (ascariasis disease) उत्पन्न होता है, जो बच्चों में सबसे अधिक देखने को मिलता है। जब मनुष्य की आंत में अधिक एस्केरिस हो जाते हैं.

तब कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं, जिसमें मनुष्य के सिर में दर्द होने लगता है, उल्टी और चक्कर घबराहट आती है।

पेट में दर्द होता है, कभी-कभी आंतों में एस्केरिस इकट्ठा हो हो जाते हैं, जिससे आंते ब्लॉक हो जाती हैं। जब मनुष्य के शरीर में एस्केरिस अधिक मात्रा में विकसित Developed होने लगते हैं।

तब रात को सोते समय दातों का रगड़ना, आंत की दीवारों में घाव होने लगते हैं, इसके साथ ही मस्तिष्क, फेफड़े, किडनी तथा शरीर के अन्य अंगों को भी हानि पहुँचती है।

एस्केरियासिस बीमारी में कभी-कभी बुखार और अंगों में रक्त स्राव भी होने लगता है। जब एस्केरिस जीव मनुष्य के शरीर में पोषक पदार्थों को चूसते हैं, तो मनुष्य में भूख की कमी, अनिद्रा, घबराहट, बेचैनी जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होने लगती हैं।

एस्केरियासिस रोग के उपचार Treatment from ascariasis 

  1. आज के समय में जल संकट के कारण बहुत से गांवों में प्रदूषित जल में सब्जियाँ उत्पन्न की जा रही हैं, इसलिए कच्ची सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि यह विभिन्न प्रकार के संक्रमणों द्वारा संक्रमित होती हैं।
  2. बच्चों को गंदे स्थानों पर खेलने से मना करना चाहिए उनकी साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए।
  3. सुबह भोजन करने से पहले हेक्सीलरिसोर्सीनोल का उपयोग करना बहुत ही लाभकारी होता है, क्योंकि यह पेट में सभी प्रकार के कृमियों को खत्म कर देता है।
  4. कीनोंपोडियम, हेटेराजोन, टेट्राक्लोरोएथेन, टेट्रामिसोल डाईथिएजिनईन इत्यादि ओशाधियों का उपयोग भी कृमि की वृद्धि करने से रोका जा सकता है।

दोस्तों इस लेख में आपने एस्केरिस के लक्षण (Ascaris common symptoms) एस्केरिस के 5 लक्षण, एस्केरिस का जीवन चक्र, के साथ किसके द्वारा फैलने वाली बीमारी के बारे में पढ़ा आशा करता हूँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा कृपया इसे शेयर जरूर करें।

FAQs for Ascaris

Q.1. एस्केरिस को हिंदी में क्या कहते हैं?

Ans. एस्केरिस को हिंदी में गोल कृमि के नाम से जाना जाता है?

Q.2. एस्केरिस के जीवन चक्र में कितने लार्वा चरण पाए जाते हैं?

Ans. एस्केरिस के जीवन चक्र में चार लार्वा चरण पाए जाते है?

Q.3. एस्केरिस कहां पाया जाता है?

Ans. एस्केरिस आँत में पाया जाने वाला जीवधारी है?

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